अजब-गजब: ये चावल के दाने पर उकेरते हैं चित्र - Mynwes.Blogspot.com

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

1

Friday, May 4, 2018

अजब-गजब: ये चावल के दाने पर उकेरते हैं चित्र

यूपी के गोरखपुर में एक शख्स ने 60 वर्ष की उम्र में बिना चश्मा लगाए चावल, दाल, रामदाना, खरबूजे के बीज से एक सेंटीमीटर साइज के 25 पन्नों की हनुमान चालीसा तथा डेढ़ सेमी साइज के 30 पन्नों में दरूद शरीफ लिखकर अपनी कला की काबलियत का परिचय दिया है. महानगर के हाल्सीगंज निवासी राजकुमार वर्मा को बचपन से ही चित्रकारी का शौक रहा. जुनून ऐसा कि पेंसिल और कलर से चित्र बनाते-बनाते इस क्षेत्र में कुछ असाधारण करने की ठान ली. सूक्ष्म कला की बारीकियां सीखने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की. सबसे पहले दाल के दाने पर रवीन्द्र नाथ टैगोर का रंगीन चित्र बनाया था. उन्होंने चावल, दाल, तिल के दाने, खरबूजे के बीज, हाथी के दांत और चंदन की लकड़ी पर बुद्ध, राम, विष्णु, कृष्ण, मां सरस्वती, गुरु नानक, ईसा मसीह, महाराणा प्रताप, शिवाजी, अकबर, बाबर, शाहजहां सहित सभी मुगल बादशाह और नेल्सन मंडेला आदि अनगिनत महापुरुषों के चित्रों को बनाकर सहेजा हुआ है. इस होनहार कलाकार द्वारा बनाई गई एक सेमी साइज में हनुमान चालीसा की किताब सूक्ष्म कला का बेमिसाल नमूना है. 25 पेज की इस किताब में पूरी हनुमान चालीसा समेत बजरंग बाण, हनुमाष्टक एवं आरती पाठ का संकलन तथा राम और हनुमान के 22 चित्र हैं. राजकुमार का दावा है कि दुनिया में इससे छोटी हनुमान चालीसा की किताब नहीं है. वहीं, अरबी भाषा न जानते हुए भी सवा सेमी साइज के 30 पन्नों में उन्होंने दरूद शरीफ लिखा है. राजकुमार का सपना गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में खुद का नाम दर्ज कराने का है, जिसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं. फिलहाल बिना किसी मदद की आस लिये राजकुमार अपनी धुन में सूक्ष्मकला के ऐसे ऐसे नायाब नमूने पेश कर रहे हैं. जिसे देखकर सामनेवाले दांतो तले उंगली दबा ले. कुछ नया कर गुजरने की चाहत और भीड़ से अलग अपनी पहचान बनाने की ललक ने राजकुमार को आज ऐसे मुकाम पर खड़ा कर दिया है जहां से वह सिर्फ अपना ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रौशन कर रहे हैं.

from Latest News OMG News18 हिंदी https://ift.tt/2jtz3Vw

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages